संवाददाता प्रतिमा शर्मा लखनऊ
आज राष्ट्रीय ध्यान दिवस (नेशनल मेडीटेशन डे) है। इस अवसर पर लखनकिऊ की "मिरेकल रिचुअल्स" की संस्थापिका अध्यक्ष सुश्री अर्चना सिंह जो कि स्वयं एक जानीमानी "इंटरनेशनल पीक परफॉर्मेंस स्ट्रेटिजिस एंड लाइफ कोच " हैं ने एक वेबिनार का आयोजन किया।
इस वेबिनार के आयोजन के पीछे संस्था की युवा अध्यक्षा अर्चना सिंह का भारत में ध्यान पुनर्स्थापित करने का प्रण है। अर्चना सिंह का कहना है कि भारत की प्राचीन ध्यान योग पद्धति,परंपरा एवं विधि को विश्व के कई देश अलग अलग नाम जैसे विजुलाइजेसन, अफ़रमेशन (ध्यान मंत्र), साइलेंस के नामों से बाजार (knowledge based business) में उतार कर करोड़ों रुपए का व्यापार करते हैं और ये व्यापार सबसे तेजी से बढ़ रहा है।
सम्पूर्ण विश्व में इस क्षेत्र में काम करने की प्रबल संभावनाये हैं और आवश्यकता भी है। अर्चना सिंह ने इसी ध्यान पद्धति को सर्वसुलभ बनाने का बीड़ा उठाया है। आधुनिक वैश्विक परिदृश्य में युवाओ को इस अभियान में जोड़ने के लिए तथा अभ्यास कराने के लिए ही ऐसे सत्र आयोजित किये जा रहे हैं।
आज का भारतीय युवा न तो पारंपरिक रहा है न आधुनिक बना है ऐसे भारतीय युवाओं को हमारी पारंपरिक और वैज्ञानिक ध्यान प्रक्रिया से परिचित कराने के लिए तथा उनके व्यक्तित्व को सशक्त बनाने के लिये श्रृंखला बद्ध तरीके से ऐसे वेबिनार किये जा रहे हैं।
अपने जीवन में शांति,समृद्धि और सकारात्मक सोच का समावेश करने के लिए वृद्ध, युवा या बच्चों के लिए बहुत उपयोगी सिध्द हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि आज के सत्र में भी उम्र,व्यवसाय अथवा धर्म से विलग अनेक लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें प्रमुख है यूनिसेफ की मेंटल हेल्थ काउन्सलर शाहीन खान, वरिष्ठ लेखक और साहित्यकार श्री रूप सिंह चंदेल, बीजेपी महिला मोर्चा श्वेता सिन्हा( कोलकाता) बीजेपी महिला मोर्चा आई टी प्रमुख लक्ष्मी सिंह ( कोलकाता) शाश्वत जिज्ञासा के संस्थापक श्री सितांशु जी, आह्वान संस्था की सचिव रंजना सिंह ,बी एन आई के विक्रम सिंह तथा देश,विदेश के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
सत्र के लिए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अनेक लोगों ने उसे अपने कार्यालयों/ संस्थानों में भी आयोजित करने के लिए प्रस्ताव दिए।
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