ब्यूरोंचीफ -तृषा द्विवेदी "मेघ" उन्नाव, उत्तर प्रदेश
अन्नदाताओं के सड़क पर बने रहने से कृषि पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। अगर ऐसे ही अन्नदाता सड़क पर डटे रहेंगें तो कृषि संकट के साथ ही आर्थिक और भुखमरी जैसे संकट भी भारी पड़ समते हैं।
70 दिनों से अधिक हो चुके इस किसान आंदोलन का अंत कब होगा । भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए यह आंदोलन चिंता का विषय बना हुआ है।आखिर जिम्मेदार लोग कब इस उग्र समस्या का समाधान देने में सफल होंगे।
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