Dr Rita Tripathi Lucknow
तनाव का कारण क्या है:मन की ज्यादा गति, ही मन की अशान्ति है। हम मन को रोक नही पाते कुछ लोग इस बीमारी से इतने ग्रस्त होते है कि प्रयोजन हो या ना हो वे निरंतर कुछ ना कुछ सोचते ही रहते है ।हमारे तनाव का सबसे मुख्य कारण असीमित इच्छा होना हमारी भौतिक सुख सुविधा इतनी बढ़ गई है कि जब यह पूरी नही हो पाती या जब इसे हमारी जेब इजाजत नहीं देती, तब यह तनाव का कारण बनता है, हम आज के लिए न सोचकर भविष्य की चिंता करने लगते है ।तनाव का केवल एक ही कारण नही है ना जाने ऐसे कई बातें हैं जो मनुष्य को अंदर ही अंदर खत्म करता जा रहा ।इच्छाओं का अनन्त होना "हम रात दिन सिर्फ अर्थ के बारे मे ही सोचने लगे है और जीवन की छोटी छोटी खुशियो से वंचित हो रहे ये सब उच्च एवं मध्यम लोगों के साथ ज्यादा हो रहा बाकी गरीब व्यक्ति आज भी दिन भर के काम करके चैन की नींद लेता है उसे कल की चिंता नही ।उदास व्यक्ति अपनी छमताओ का ठीक उपयोग नही कर सकता उसकी सक्तिया मुरझा जाती है कि खत्म हो जाती है ।प्रसन्न रहने वाला व्यक्ति ही अपनी सक्तियों का उपयोग कर सकता है
प्रसन्न व्यक्ति ही अपने कार्य क्षेत्र में सफल होता है और अपने साथ अपने आस पास के लोगो को भी खुश रखता है और उसके आस पास सकारात्मक ऊर्जा निरंतर प्रवाहित होती रहती है
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